एह वक्त भी बदल जायेगा

डरता है तू किस बात से मनचाहा फल तू पायेगा 

तू थक कर ऐसे ना बैठ एह वक्त भी बदल जायेगा


भवर में समय के तू फस गया तो क्या

धैर्य रख तू खुद  से निकलना भी शीख जायेगा

तू खुद पे भरोसा रखते जा  एक दिन तू समय को भी हरायेगा 

तू थक कर ऐसे ना बैठ एह वक्त भी बदल जायेगा


चारो तरफ से दुश्मनोने परिस्तितीया है घेरी

तू बेखोफ होकर मैदान में उत्तर येही तो परीक्षा है 'तेरी

फिर अर्जुन सा तू शिष्य बन ओ सावरा तेरा भी सारथी

बन जायेगा 

तू थक कर ऐसे ना बैठ एह वक्त भी बदल जायेगा


अरे तू भी अपने तिरो से कर सकता है घायल उन्हे

हारणा तो उनको है बाजूवो पे है  घमंड जिन्हें

ओ रोशनी कि नई किरण सामने तुही लायेगा

तू थक कर ऐसे ना बैठ एह वक्त भी बदल जायेगा


इस कुरुक्षेत्र के युद्ध में भले आज तेरा सम्मान नही

मगर इस युद्ध में लढणा भी तेरा अपमान नही

अभिमन्यू सा तू शौर्य दिखा इतिहास भी तेरा गुलाम

बन जायेगा 

तू थक कर ऐसे ना बैठ एह वक्त भी बदल जायेगा



=सुरेश पिवळंतकर =

7030532030


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